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सहायक

  • अधिसूचना

    संसदीय कार्य मंत्रालय

    नई दिल्ली, 28 फरवरी, 2002

    सा0का0नि0 76 - राष्ट्रपति, संविधान के अनुच्छेद 309 के परंतुक द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए और संसदीय कार्य मंत्रालय (भर्ती और

    सेवा शर्तें ) नियम 1963 को जहां तक उनका संबंध सहायक के पद से है, उन बातों के सिवाय अधिक्रांत करते हुए, जिन्हें ऐसे अधिक्रमण से

    पहले किया गया है या करने का लोप किया गया है, संसदीय कार्य मंत्रालय में सहायक के पद पर भर्ती की पद्धति का विनियमन करने के

    लिए निम्नलिखित नियम बनाते हैं, अर्थात् :-

    1 संक्षिप्त नाम और प्रारम्भ .- (1) इन नियमों का संक्षिप्त नाम संसदीय कार्य मंत्रालय, सहायक भर्ती नियम, 2002 है ।

    ये राजपत्र में प्रकाशन की तारीख को प्रवृत्त्त होंगे।

    2. पद-संख्या, वर्गीकरण और वेतनमान :- उक्त पद की संख्या, उसका वर्गीकरण और उसका वेतनमान वह होगा, जो इन नियमों से उपाबद्ध

    अनुसूची के स्तंभ 2 से स्तंभ 4 में विनिर्दिष्ट हैं ।

    भर्ती की पद्धति, आयु-सीमा, और अन्य अर्हताएं आदि : उक्त पद पर भर्ती की पद्धति, आयु-सीमा, अर्हताएं और अन्य अर्हताएं और उससे/उनसे

    संबंधित अन्य बातें वे होंगी जो उक्त अनुसूची के स्तंभ 5 से स्तंभ 14 में विनिर्दिष्ट हैं ।

    4. निरर्हता : वह व्यक्ति -

    (क) जिसने ऐसे व्यक्ति से जिसका पति या जिसकी पत्नी जीवित है, विवाह किया है, या

    (ख) जिसने अपने पति या अपनी पत्नी के जीवित रहते हुए किसी व्यक्ति से विवाह किया है,

    उक्त पद पर नियुक्ति का पात्र नहीं होगा ।

    परन्तु यदि केन्द्रीय सरकार का यह समाधान हो जाता है कि ऐसा विवाह ऐसे व्यक्ति और विवाह के अन्य पक्षकार को लागू स्वीय विधि के

    अधीन अनुज्ञेय है और ऐसा करने के लिए अन्य आधार हैं तो वह किसी व्यक्ति को इस नियम के प्रवर्तन से छूट दे सकेगी ।

    5. शिथिल करने की शक्ति : - जहां केन्द्रीय सरकार की यह राय है कि ऐसा करना आवश्यक या समीचीन है, वहां वह उसके लिए जो कारण हैं

    उन्हें लेखबद्ध करके, तथा संघ लोक सेवा आयोग से परामर्श करके, इन नियमों के किसी उपबंध को किसी वर्ग या प्रवर्ग के व्यक्तियों की

    बाबत, आदेश द्वारा शिथिल कर सकेगी ।

    6. व्यावृत्ति:- इन नियमों की कोई बात, ऐसे आरक्षण, आयु-सीमा में छूट और अन्य रियायतों पर प्रभाव नहीं डालेगी, जिनका केन्द्रीय सरकार

    द्वारा इस संबंध में समय-समय पर निकाले गए आदेशों के अनुसार अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों, अन्य पिछड़े वर्गों, भूतपूर्व

    सैनिकों और अन्य विशेष प्रवर्ग के व्यक्तियों के लिए उपबंध करना अपेक्षित है।

    अनुसूची

    पद का नाम पदों की संख्या वर्गीकरण वेतनमान योग्यता के आधार पर चयन या चयन-सह-ज्येष्टता अथवा अचयन पद सीधे भर्ती किए जाने वाले व्यक्तियों के लिए आयु सीमा
    (1) (2) (3) (4) (5) (6)
    सहायक *21 (2002)



    *कार्यभार के आधार पर परिवर्तन किया जा सकता है।
    साधारण केन्द्रीय सेवा समूह ``ख`` अराजपत्रित, अनुसचिवीय रू . 5500-175-9000 चयन-सह- ज्येष्ठता

    कर्मचारी चयन आयोग द्वारा यथा विहित सम्मिलित स्नातक स्तर परीक्षा के लिए

    (केन्द्रीय सरकार द्वारा जारी किए गए अनुदेशों या आदेशों के अनुसार सरकारी सेवकों के लिए पांच वर्ष तक शिथिल की जा सकती है।)

    टिप्पण : आयु सीमा अवधारित करने के लिए निर्णायक तारीख भारत में अभ्यर्थियों से आवेदन प्राप्त करने के लिए नियत की गई अंतिम तारीख होगी। न कि वह अंतिम तारीख जो असम, मेघालय, अरूणाचल प्रदेश, लद़दाख खंड, हिमाचल प्रदेश के लाहौल और स्पीति जिले तथा चम्बा जिले के पांगी उपखंड, अंदमान और निकोबार द्वीप या लक्षद्वीप के अभ्यर्थियों के लिए विहित की गई है।

    सेवा में जोड़े गए वर्षों का फायदा केन्द्रीय सिविल सेवा (पेंशन ) नियम, 1972 के नियम 30 के अधीन अनुज्ञेय हैं या नहीं सीधे भर्ती किए जाने वाले व्यक्तियों के लिए अपेक्षित शैक्षिक और अन्य अर्हताएं सीधे भर्ती किए जाने वाले व्यक्तियों के लिए विहित आयु और शैक्षिक अर्हताएं प्रोनत व्यक्तियों की दशा में लागू होंगी या नहीं परिवीक्षा की अवधि, यदि कोई हो भर्ती की पद्धति: भर्ती सीधे होगी या प्रोनति द्वारा या प्रतिनियुक्ति या आमेलन द्वारा तथा विभिन पद्धतियों द्वारा भरे जाने वाले पदों की प्रतिशतता प्रोनति/प्रतिनियुक्ति/आमेलन द्वारा भर्ती की दशा में वे श्रेणियों जिनसे प्रोनति/प्रतिनियुक्ति/आमेलन किया जाएगा
    (7) (8) (9) (10) (11) (12)
    लागू नहीं होता

    आवश्यक:

    सम्मिलित स्नातक स्तर परीक्षा के लिए कर्मचारी चयन आयोग द्वारा यथा विहित ।

    नहीं सीधी भर्ती और प्रोनत किए जाने वाले व्यक्तियों के लिए दो वर्ष ।

    (1) 50 प्रतिशत प्रोनति द्वारा जिसके न हो सकने पर प्रतिनियुक्ति द्वारा,

    (2) 50 प्रतिशत कर्मचारी चयन आयोग द्वारा संचालित खुली प्रतियोगी परीक्षा के आधार पर सीधी भर्ती द्वारा ।

    प्रोनति: ऐसे उच्च श्रेणी लिपिक जिन्होंने उस श्रेणी में पांच वर्ष नियमित सेवा की है।

    टिप्पण : जहां ऐसे कनिष्ठ व्यक्तियों के संबंध में, जिन्होंने अपनी अर्हक/पात्रता सेवा पूरी कर ली है, प्रोनति के लिए विचार किया जा रहा हो वहां उनसे ज्येष्ठ व्यक्तियों के संबंध में भी विचार किया जाएगा परन्तु यह तब जबकि उनके द्वारा की गई ऐसी अर्हक/पात्रता सेवा, अपेक्षित अर्हक/पात्रता सेवा के आधे से अधिक से या दो वर्ष से, इनमें से जो भी कम हो, कम न हो उन्होंने अपने ऐसे कनिष्ठ व्यक्तियों सहित जिन्होंने ऐसी अर्हक/पात्रता सेवा पहले ही पूरी कर ली है, अगली उच्चरत श्रेणी में प्रोनति के लिए अपनी परिवीक्षा की अवधि सफलतापूर्वक पूरी कर ली हो।

    प्रतिनियुक्ति :-

    (1) केन्द्रीय/राज्य सरकार या राज्य सरकारों या संघ राज्य क्षेत्रों के अधीन ऐसे अधिकारी :-

    (क)(1) जो मूल काडर/विभाग में नियमित आधार पर सदृश पद धारण किए हुए हैं, या

    (2) जिन्होंने मूल काडर या विभाग में 5000-8000 रू . या समतुल्य वेतनमान नियमित आधार पर नियुक्ति के पश्चात् उस श्रेणी में तीन वर्ष सेवा की है, या

    (3) जिन्होंने मूल काडर या विभाग में 4500-7000 रू . या समतुल्य वेतनमान में नियमित आधार पर नियुक्ति के पश्चात् उस श्रेणी में छह वर्ष सेवा की है, या

    (4) जिन्होंने मूल काडर या विभाग में 4000-6000 रू . या समतुल्य वेतनमान में नियमित आधार पर नियुक्ति के पश्चात् उस श्रेणी में दस वर्ष सेवा की है, और

    (ख) जिनके पास स्तंभ के अधीन विहित शैक्षित अर्हताएं हैं।

    टिप्पण :- पोषक प्रवर्ग के ऐसे विभागीय अधिकारी, जो प्रोनति की सीधी पंक्ति में हैं, प्रतिनियुक्ति पर नियुक्ति के लिए विचार किए जाने के पात्र नहीं होंगे । इसी प्रकार प्रतिनियुक्ति व्यक्ति प्रोनति द्वारा नियुक्ति के लिए विचार किए जाने के पात्र नहीं होंगे ।

    प्रतिनियुक्ति/संविदा की अवधि, जिसके अंतर्गत केन्द्रीय सरकार के उसी या किसी अन्य संगठन/विभाग में इस नियुक्ति से ठीक पहले धारित किसी अन्य काडर बाह्य पद पर प्रतिनियुक्ति की अवधि है, साधारणतया तीन वर्ष से अधिक नहीं होगी ।

    प्रतिनियुक्ति पर नियुक्ति के लिए अधिकतम आयु सीमा आवेदन प्राप्त करने की अंतिम तारीख को 56 वर्ष से अधिक नहीं होगी ।

    यदि विभागीय प्रोनति समिति है तो उसकी संरचना भर्ती करने में किन परिस्थितियों में संघ लोक सेवा आयोग से परामर्श किया जाएगा
    (13) (14)

    (प्रोनति या पुष्टि के संबंध में विचार करने के लिये ):-

    1. सचिव, संसदीय कार्य मंत्रालय - अध्यक्ष

    2. उप सचिव (प्रशासन) संसदीय कार्य मंत्रालय - सदस्य

    3. अवर सचिव और ऊपर के रैंक के अन्य - सदस्य

    मंत्रालयों के नाम निर्देशिती

    प्रतिनियुक्ति पर राज्य सरकारों या संघ राज्य क्षेत्रों से अधिकारियों की नियुक्ति करते समय संघ लोक सेवा आयोग से परामर्श करना आवश्यक है ।

    [फा.सं. एफ 4(1)/2001-प्रशासन]

    पी. एस. मल्होत्रा, अवर सचिव

    टिप्पण :- मंत्रालय के मूल नियम, सं.सा.का.नि. 1850 तारीख 29 नवम्बर, 1963 द्वारा भारत के राजपत्र में प्रकाशित हुये थे और तत्पश्चात उनमें

    समय-समय पर संशोधन किए गये और अंतिम संशोधन अधिसूचना सं.सा.का.नि. 457 (अ) तारीख 29 मई 1995 द्वारा किया गया ।