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निजी सचिव

  • अधिसूचना

    संसदीय कार्य मंत्रालय

    नई दिल्ली, 8 जनवरी, 2002

    सा0का0नि0 26 - राष्ट्रपति, संविधान के अनुच्छेद 309 के परंतुक द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए और संसदीय कार्य मंत्रालय (भर्ती और

    सेवा शर्तें ) नियम 1963 को जिनका संबंध निजी सचिव के पद से है, उन बातों के सिवाय अधिक्रांत करते हुए, जिन्हें ऐसे अधिक्रमण से पहले

    किया गया है या करने का लोप किया गया है, संसदीय कार्य मंत्रालय में निजी सचिव के पद पर भर्ती की पद्धति का विनियमन करने के

    लिए निम्नलिखित नियम बनाते हैं, अर्थात् :-

    1 संक्षिप्त नाम और प्रारम्भ .- (1) इन नियमों का संक्षिप्त नाम संसदीय कार्य मंत्रालय, निजी सचिव भर्ती नियम, 2002 है ।

    (2) ये राजपत्र में प्रकाशन की तारीख को प्रवृत्त्त होंगे।

    2. पद-संख्या, वर्गीकरण और वेतनमान :- उक्त पद की संख्या, उसका वर्गीकरण और उसका वेतनमान वह होगा, जो इन नियमों से उपाबद्ध

    अनुसूची के स्तंभ 2 से स्तंभ 4 में विनिर्दिष्ट हैं ।

    3. भर्ती की पद्धति, आयु-सीमा, और अर्हताएं आदि : उक्त पद पर भर्ती की पद्धति, आयु-सीमा, अर्हताएं और उनसे संबंधित अन्य बातें वे होंगी

    जो उक्त अनुसूची के स्तंभ 5 से स्तंभ 14 में विनिर्दिष्ट हैं ।

    4. निरर्हता : वह व्यक्ति -

    (क) जिसने ऐसे व्यक्ति से जिसका पति या जिसकी पत्नी जीवित है, विवाह किया है, या

    (ख) जिसने अपने पति या अपनी पत्नी के जीवित रहते हुए किसी व्यक्ति से विवाह किया है,

    उक्त पद पर नियुक्ति का पात्र नहीं होगा ।

    परन्तु यदि केन्द्रीय सरकार का यह समाधान हो जाता है कि ऐसा विवाह ऐसे व्यक्ति और विवाह के अन्य पक्षकार को लागू स्वीय विधि के

    अधीन अनुज्ञेय है और ऐसा करने के लिए अन्य आधार हैं तो वह किसी व्यक्ति को इस नियम के प्रवर्तन से छूट दे सकेगी ।

    5. शिथिल करने की शक्ति : - जहां केन्द्रीय सरकार की यह राय है कि ऐसा करना आवश्यक या समीचीन है, वहां वह उसके लिए जो कारण हैं

    उन्हें लेखबद्ध करके, तथा संघ लोक सेवा आयोग से परामर्श करके, इन नियमों के किसी उपबंध को किसी वर्ग या प्रवर्ग के व्यक्तियों की

    बाबत, आदेश द्वारा शिथिल कर सकेगी ।

    6. व्यावृत्ति:- इन नियमों की कोई बात, ऐसे आरक्षण, आयु-सीमा में छूट और अन्य रियायतों पर प्रभाव नहीं डालेगी, जिनका केन्द्रीय सरकार

    द्वारा इस संबंध में समय-समय पर निकाले गए आदेशों के अनुसार अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों, अन्य पिछड़े वर्गों, भूतपूर्व

    सैनिकों और अन्य विशेष प्रवर्ग के व्यक्तियों के लिए उपबंध करना अपेक्षित है ।

    7. पद का अस्थाई रू प से उनत करना:- (I) संसदीय कार्य मंत्री के प्रथम व्यक्तिक सहायक और सहायक निजी सचिव और संसदीय कार्य उप मंत्री

    के प्रथम व्यैक्तिक सहायक के सभी पद निजी सचिव के ग्रेड के भाग बनेंगे। जबकि इसी ग्रेड में सभी या कोई ऐसे पद मंत्रालय द्वारा इसी

    ग्रेड से निकाले हुए धोषित किए जा सकेंगे ! तथापि लोकहित में यदि यह आवश्यक है तो आशुलिपिक सेवा के समुचित ग्रेड के किसी

    अधिकारी से अतिरिक्त व्यक्तियों से ऐसे पद या पदों को भरा जाएगा और जब तक ऐसी घोषणा लागू रहती है तब तक इस ग्रेड से बाहर

    रहेंगे।

    (II) यदि जब तक प्रथम व्यैक्तिक सहायक संसदीय कार्य मंत्री या संसदीय कार्य उप मंत्री या सहायक निजी सचिव, संसदीय कार्य मंत्री के एक या

    अधिक पद मंत्रालय की आशुलिपिक सेवा के अधिकारियों से भिन व्यक्तियों की नियुक्ति द्वारा या मंत्रालय की आशुलिपिक सेवा के ऐसे

    अधिकारी द्वारा जो निजी सचिव के ग्रेड की प्रोनति के लिए अनुमोदित नहीं है या यदि उस ग्रेड में प्रोनति के लिए अनुमोदित है के द्वारा,

    ऐसी प्रोनति के लिए देय नहीं है, व्यैक्तिक सहायक के ग्रेड के पदों को तत्संबंधी संख्या निजी सचिव के ग्रेड में अस्थाई रू प से उनत किया

    जा सकता है। ऐसे अस्थाई रू प से उनत पदों पर व्यैक्तिक सहायक के ग्रेड के पात्र अधिकारियों द्वारा तदर्थ आधार पर नियुक्ति की जाएगी।

    अनुसूची

    पद का नाम पदों की संख्या वर्गीकरण वेतनमान चयन-सह-ज्येष्टता या योग्यता के आधार पर चयन अथवा अचयन पद सीधे भर्ती किए जाने वाले व्यक्तियों के लिए आयु सीमा
    (1) (2) (3) (4) (5) (6)
    निजी सचिव *1 (2002)



    *कार्यभार के आधार पर परिवर्तन किया जा सकता है।
    साधारण केन्द्रीय सेवा समूह ``ख`` अराजपत्रित, अनुसचिवीय रू . 6500-200-10500 चयन-सह- ज्येष्ठता लागू नहीं होता
    सेवा में जोड़े गए वर्षों का फायदा केन्द्रीय सिविल सेवा (पेंशन ) नियम, 1972 के नियम 30 के अधीन अनुज्ञेय हैं या नहीं सीधे भर्ती किए जाने वाले व्यक्तियों के लिए अपेक्षित शैक्षिक और अन्य अर्हताएं सीधे भर्ती किए जाने वाले व्यक्तियों के लिए विहित आयु और शैक्षिक अर्हताएं प्रोनत व्यक्तियों की दशा में लागू होंगी या नहीं परिवीक्षा की अवधि, यदि कोई हो भर्ती की पद्धति: भर्ती सीधे होगी या प्रोनति द्वारा या प्रतिनियुक्ति या आमेलन द्वारा तथा विभिन पद्धतियों द्वारा भरे जाने वाले पदों की प्रतिशतता प्रोनति/प्रतिनियुक्ति/आमेलन द्वारा भर्ती की दशा में वे श्रेणियों जिनसे प्रोनति/प्रतिनियुक्ति/आमेलन किया जाएगा
    (7) (8) (9) (10) (11) (12)
    लागू नहीं होता लागू नहीं होता लागू नहीं होता प्रोनत व्यक्तियों के लिए दो वर्ष। प्रोनति जिसके न हो सकने पर प्रतिनियुक्ति द्वारा प्रोनति: ऐसे निजी सहायक जिन्होंनेे उस श्रेणी में आठ वर्ष नियमित सेवा की है।

    प्रतिनियुक्ति :-

    केन्द्रीय सरकार/राज्य सरकारों/संघ राज्य क्षेत्रों के अधीन ऐसे अधिकारी :-

    (क)(i) जो मूल काडर/विभाग में नियमित आधार पर सदृश पद धारण किए हुए हैं, या

    (ii) जिन्होंने मूल काडर/विभाग में 5500-9000 रू . के या समतुल्य वेतनमान नियमित आधार पर नियुक्ति के पश्चात् आठ वर्ष सेवा की है, या

    (iii) जिन्होंने मूल काडर/विभाग में 5000-8000 रू . के या समतुल्य वेतनमान में नियमित आधार पर नियुक्ति के पश्चात् दस वर्ष सेवा की है, या

    (ख) (i) जिनके पास आशुलिपि (अंग्रेजी/हिन्दी) में सौ शब्द प्रति मिनट की गति है ; और

    (ii) जिनके पास अंग्रेजी/हिन्दी आशुलिपि में तीन वर्ष का अनुभव है।

    टिप्पण :- पोषक प्रवर्ग के ऐसे विभागीय अधिकारी, जो प्रोनति की सीधी पंक्ति में हैं, प्रतिनियुक्ति पर नियुक्ति के लिए विचार किए जाने के पात्र नहीं होंगे । इसी प्रकार प्रतिनियुक्ति व्यक्ति प्रोनति द्वारा नियुक्ति के लिए विचार किए जाने के पात्र नहीं होंगे ।

    प्रतिनियुक्ति की अवधि, जिसके अंतर्गत केन्द्रीय सरकार के उसी या किसी अन्य संगठन/विभाग में इस नियुक्ति से ठीक पहले धारित किसी अन्य काडर बाह्य पद पर प्रतिनियुक्ति की अवधि है, साधारणतया तीन वर्ष से अधिक नहीं होगी ।

    प्रतिनियुक्ति द्वारा नियुक्ति के लिए अधिकतम आयु सीमा आवेदन प्राप्त करने की अंतिम तारीख को 56 वर्ष से अधिक नहीं होगी ।

    यदि विभागीय प्रोनति समिति है तो उसकी संरचना भर्ती करने में किन परिस्थितियों में संघ लोक सेवा आयोग से परामर्श किया जाएगा
    (13) (14)

    समूह ''ख'' विभागीय प्रोनति समिति (प्रोनति के लिए) :

    1. सचिव, संसदीय कार्य मंत्रालय - अध्यक्ष

    2. उप सचिव (प्रशासन) संसदीय कार्य मंत्रालय - सदस्य

    3. अन्य मंत्रालय/विभाग के अवर सचिव या - सदस्य

    ऊपर की पंक्ति का नाम निर्देशती

    राज्य सरकार या संघ राज्य क्षेत्रों से प्रतिनियुक्ति पर अधिकारियों को नियुक्त करते समय संघ लोक सेवा आयोग से परामर्श करना आवश्यक है।

    [फा.सं. एफ 4(1)/2001-प्रशासन]

    पी. एस. मल्होत्रा, अवर सचिव

    टिप्पण :- मंत्रालय के मूल नियम अधिसूचना सं.सा.का.नि. 1850 तारीख 29 नवम्बर, 1963 द्वारा राजपत्र में प्रकाशित हुए थेे और तत्पश्चात

    समय-समय पर संशोधित हुए और अन्त में अधिसूचना सं.सा.का.नि. 260 तारीख 3 जून, 1996 द्वारा संशोधित हुए ।